धनबाद के लोदना में भयावह हादसा: जर्जर बीसीसीएल आवास ढहने से दो बच्चों समेत तीन की मौत, चार घायल

झरिया/धनबाद, 10 सितंबर 2025 : झारखंड के धनबाद जिले के लोदना क्षेत्र के 8 न. में एक दिल दहला देने वाला हादसा हो गया। बारिश से बचने के लिए बीसीसीएल (भारत कोकिंग कोल लिमिटेड) के एक जर्जर और खाली पड़े आवास में छिपे 8–9 बच्चों सहित कुछ अन्य लोग मलबे में दब गए। इस घटना में अब तक दो मासूम बच्चों समेत तीन लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि अन्य गंभीर रूप से घायल हैं। स्थानीय लोगों और प्रशासन की टीमों ने तत्परता दिखाते हुए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया, लेकिन घटना की भयावहता ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है।

घटना का विवरण
मंगलवार को लोदना 8 नंबर क्षेत्र में जोरदार बारिश का दौरान भारी वर्षा से बचने के लिए क्षेत्र के कुछ बच्चे और अन्य व्यक्ति बीसीसीएल के एक पुराने, जर्जर हालत वाले खाली आवास में शरण लेने पहुंचे। बताया जा रहा है कि कुल नौ बच्चे वहां मौजूद थे। अचानक ही भारी बारिश के दबाव और भवन की कमजोर संरचना के कारण पूरा आवास ढह गया। मलबा गिरने से सभी लोग उसके नीचे दब गए।

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स्थानीय निवासियों ने शोर-शराबा सुनते ही घटनास्थल पर पहुंचकर बचाव कार्य शुरू कर दिया। जेसीबी मशीनों की मदद से मलबा हटाया गया और घायलों को बाहर निकाला गया। गंभीर हालत वाले लोगों को तुरंत 108 एम्बुलेंस सेवा के माध्यम से निकटतम शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल लेकर गए। अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने दो बच्चों और एक अन्य व्यक्ति को मृत घोषित कर दिया। शेष घायलों का इलाज जारी है, और उनकी हालत गंभीर बनी हुई है।

रेस्क्यू अभियान और प्रशासनिक प्रतिक्रिया
घटना की सूचना मिलते ही धनबाद जिला प्रशासन, पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीमें मौके पर पहुंचीं। जेसीबी और अन्य मशीनरी के सहयोग से रेस्क्यू ऑपरेशन को गति दी गई। स्थानीय लोगों ने भी पूरे जोश के साथ बचाव कार्य में हिस्सा लिया। पुलिस ने बताया कि सभी संभावित स्थानों पर खोजबीन की जा रही है ताकि कोई और व्यक्ति मलबे में न फंसा हो।

धनबाद के उपायुक्त ने घटना पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि मृतकों के परिवारों को तत्काल आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। साथ ही, जर्जर भवनों की जांच के लिए एक विशेष टीम गठित करने की घोषणा की गई है। बीसीसीएल प्रबंधन ने भी दुर्घटना पर खेद जताया है और सहायता का भरोसा दिया है।


जर्जर भवनों का खतरा: एक बड़ी लापरवाही?
यह हादसा बीसीसीएल के पुराने आवासों की जर्जर स्थिति को उजागर करता है। कोयला क्षेत्र होने के कारण धनबाद में कई पुराने क्वार्टर और भवन वर्षों से जीर्ण-शीर्ण अवस्था में हैं, लेकिन उनकी मरम्मत या ध्वस्तीकरण पर ध्यान नहीं दिया गया। विशेषज्ञों का मानना है कि भारी बारिश और संरचनात्मक कमजोरी ने इस दुर्घटना को न्योता दिया। स्थानीय निवासी लंबे समय से इन भवनों को खतरा बताते आए हैं, लेकिन प्रशासनिक स्तर पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया

यह घटना न केवल एक दुखद दुर्घटना है, बल्कि सुरक्षा मानकों की अनदेखी का प्रतीक भी। अब सवाल उठ रहा है कि क्या इस हादसे के बाद जर्जर संरचनाओं को हटाने और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए गंभीर प्रयास होंगे? मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए हम आशा करते हैं कि घायल जल्द स्वस्थ हों और ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।

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