झारखण्ड बजट 2022–23 (Jharkhand Budget 2022–23) – वित्तीय वर्ष 2021 – 22 के लिए झारखंड राज्य का बजट राज्य के वित्त मंत्री श्री रामेश्वर उरांव जी के द्वारा 3 मार्च 2022 को झारखंड विधानसभा के अंदर प्रस्तुत किया गया था। राज्य के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने वित्त मंत्री के रूप में अपना तीसरा बजट प्रस्तुत किया। आगामी वित्तीय वर्ष 2022 203 के लिए तकरीबन एक लाख एक हजार एक सौ एक करोड़ का रुपए (1,0,1,101) का वार्षिक बजट का आकलन किया गया है। जिसमें राजस्व व्यय 76,273.30 करोड़ रूपए तथा पूंजीगत व्यय 24827.70 करोड़ रखा गया है।
वित्तीय वर्ष 2020-22 के बजट में प्रावधानित इस सकल राशि में से सामान्य प्रक्षेत्र के लिए 31,896.64 करोड़ रुपए, सामाजिक प्रक्षेत्र के लिए 37,313.22 करोड़ तथा आर्थिक प्रक्षेत्र के लिए 31,891.14 करोड़ रुपए का उपबंध किया गया।
बजट में प्रावधानित राशि में से राज्य को अपने कर राजस्व से लगभग 24,850 करोड़ तथा गैर कर राजस्व से 13,762.84 करोड़ रुपए, केंद्रीय सहायता से 17,405.74 करोड़ रुपए, केंद्रीय करों में राज्यों की हिस्सेदारी के रूप में 27,006.58 करोड़ रुपए लोक ऋण से 18,000 करोड़ रुपए, तथा उधार व अग्रिम की वसूली से ₹75.84 करोड़ रुपए प्राप्त होंगे।
वित्तीय वर्ष 2021-22 में विकास दर स्थिर मृूल्य पर 8.8 प्रतिशत होने का अनुमान है। चालू मूल्य पर यह विकास दर 14.5 प्रतिशत अनुमानित है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में स्थिर मूल्य तथा चालू मूल्य पर क्रमश 6.15 प्रतिशत तथा 10.72 प्रतिशत अनुमानित है। आगामी वित्तीय वर्ष 2022-23 में राजकोषीय घाटा 11286.47 करोड़ रूपये होने का अनुमान है जो कि आगामी वित्तीय वर्ष की GSDP का 2.81% है।
वित्तीय वर्ष 2020-21 मैं कोरोना महामारी के कारण देश एवं देश के अन्य राज्यों की तरह झारखंड के विकास दर में भी गिरावट आई थी। इसके बावजूद भी वित्तीय वर्ष 2020 – 21 में देश के सकल घरेलू उत्पादन जीडीपी (GDP) में आई 7.3 प्रतिशत गिरावट की तुलना में झारखंड में 4.7 प्रतिशत की गिरावट आई थी।
Jharkhand Budget 2022–23 में पानी, बिजली सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा जैसे क्षेत्रों में आधारभूत सरंचनाओं के निर्माण पर ध्यान देने के साथ-साथ व्यक्तिगत लाभ की योजनायें जैसे सार्वभौमिक पेंशन (Universal Pension), चावल, दाल, धोती-साड़ी, आवास, छात्रों के पठन-पाठन पर भी बल दिया गया है। सामाजिक प्रक्षेत्र में समेकित रूप से वित्तीय वर्ष 2021-22 की तुलना में आगामी वित्तीय वर्ष में कुल 11% की वृद्धि प्रस्तावित है। इसके अंतर्गत स्वास्थ्य, पेयजल, शिक्षा एवं खाद्यान्न वितरण जैसे सामाजिक प्रक्षेत्र पर बल देते हुए स्वास्थ्य क्षेत्र में 27%, पेयजल में 20%, शिक्षा में 6.5% तथा खाद्यान्न वितरण में 21% की वृद्धि की गयी है।
राज्य में पूंजीगत परिसंपत्तियों (Capital Assets) का सृजन ज्यादा से ज्यादों हो, इसलिए वित्तीय वर्ष 2021–22 की तुलना में Capital Outlay में 62% की वृद्धि करते हुए 18.017 करोड़ रूपये करने का प्रस्ताव है।
जलनिधि योजना – इस योजना के तहत राज्य के सभी जिलों में विशेष सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी जिसके अंतर्गत 1,766 डीप बोरिंग कार्य तथा 1963 परकोलेशन टैंक के निर्माण की योजना है।
झारखण्ड कृषि ऋण माफी योजना – इसके तहत कोविड-19 जैसी महामारी से राज्य के किसानों को राहत देने के लिए झारखण्ड कृषि ऋण माफी योजना के तहत अब तक तकरीबन 2,11,530 कृषकों के खाते में 836 करोड़ रूपये हस्तांतरित की जा चुकी है।
एग्री स्मार्ट ग्राम योजना – इस योजना के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2022-23 में प्रथम चरण में 100 गाँवों का चयन माननीय स्थानीय विधायक की अनुशंसा पर किया जायेगा। इन चयनित गाँवों का Gap Analysis कर विभिन्न योजनाओं से Convergence करते हुए इन गाँवों का समग्र विकास करने की योजना है।
गो-धन न्याय योजना – इस योजना के अंतर्गत आगामी वित्तीय वर्ष में पशुपालकों एवं किसानों की आय में बढ़ोत्तरी करने के उद्देश्य से उनसे उचित मूल्य पर गोबर की खरीदारी की जायेगी तथा इससे बायोगैस बनाने के साथ-साथ जैविक खाद तैयार करने का कार्य किया जायेगा।
पशुधन वितरण – लगभग 40 हजार लाभुकों को स्वरोजगार देते हुए आय का स्रोत बढ़ाने के मकसद से वित्तीय वर्ष 2022-23 में अनुदान पर पशुधन वितरण का लक्ष्य है।
दुग्ध उत्पादन – वित्तीय वर्ष 2021-22 में प्रतिदिन लगभग 80 लाख लीटर दूध उत्पादन हो रहा है। वर्ष 2022–23 में कुल ৪5 लाख लीटर दूध प्रतिदिन उत्पादन करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया।
मॉडल शीतगृह का निर्माण – कषि उत्पादों के बेहतर भण्डारण एवं विपणन के उद्देश्य से झारखण्ड के विभिन्न जिलों में 5 हजार मीट्रिक टन क्षमता के मॉडल शीतगृह का निर्माण किया जा रहा है। जिसके लिए वित्तीय वर्ष 2022–23 में शीतगृह निर्माण के लिए करीब 30 करोड़ रूपए का बजट प्रस्तावित हुआ है।
झारखंड फसल राज योजना – इस योजना के अंतर्गत किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए, उन्हें कृषि उत्पादन में आर्थिक नुकसान से भरपाई हेतु 25 करोड़ रूपये का कार्पस फण्ड बनाया गया है। आगामी वित्तीय वर्ष 2022-23 में कृषि एवं संबद्ध प्रक्षेत्र के लिए 4091.37 करोड़ रूपये का बजट प्रस्तावित हुआ है।
सुवर्णरेखा बहद्देशीय परियोजना -स्वर्णरेखा बहुद्देशीय परियोजना के अंतर्गत चांडिल डैम, गालूडीह बराह एवं खरकई बराज से नि:सृत मुख्य नहरों से किसानों को जल्द से जल्द सिंचाई का लाभ देने के लिए भूमिगत पाईप लाईन द्वारा खेतों तक पानी पहुँचाने का प्लान है।
पुनासी जलाशय परियोजना – देवघर जिला में निर्माणाधीन पुनासी जलाशय परियोजना के तहत मिट्टी बॉध का निर्माण कराकर जलाशय में जल संचयन किया जा रहा है। मुख्य नहर एवं निर्माणधीन स्पीलवे का शेष कार्य जून, 2022 तक पूर्ण करते हुए मुख्य नहर के 36 किमी. तक से डायरेक्ट आउटलेट द्वारा सिंचाई कार्य प्रारंभ कराने का लक्ष्य बनाया गया है।
मसलिया-रानेशवर मेगा लिप्ट योजना – दुमका जिला अन्तर्गत मसलिया एवं रानेश्वर प्रखण्ड में अपेक्षित सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने हेतु 1204 करोड़ रूपये की मसलिया- रानेश्वर मेगा लिफ्ट योजना की स्वीकृति दी गयी है, जिस पर वित्तीय वर्ष में कार्य प्रारंभ किया जायेगा।
चेकडैम निर्माण – आगामी वित्तीय में जमींदारी बाँधों/ तालाबों एवं 193 मध्यम सिंचाई योजनाओं के पुनर्स्थापन एवं 300 चेकडैम के निर्माण का लक्ष्य है। आगामी वित्तीय वर्ष 2022-23 में जल संसाधन के लिए 1894.48 करोड़ रुपए का बजट प्रस्तावित हुआ है।
मनरेगा – ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन हेतु मनरेगा के तहत लगातार कार्य कराए जा रहे हैं। आगामी वित्तीय वर्ष में कुल 12 करोड़ पूर्व 50 लाख मानव दिवस के सृजन का लक्ष्य है।
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण क्षेत्रों के लिए) – इस योजना के अंतर्गत अब तक 10 लाख 44 हजार 321 आवास का निर्माण कार्य पूर्ण किया जा चुका है। लक्ष्य के अनुरूप शेष 5 लाख 22 हजार 435 आवासों का निर्माण कार्य अगले वित्तीय वर्ष में पूरा करने का लक्ष्य है। इस योजना के तहत IAP (integrated action plan for selected tribal and backward districts) जिलों में प्रति आवास ₹1,30,000 तथा नन आई.ए.पी. (Non -IAP) जिलों में ₹1,20,000 उपलब्ध कराए जाते हैं। जिससे 25 वर्ग मीटर के छोटे-छोटे कमरे एवं किचन का निर्माण हो पाता है। राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त कमरे के निर्माण हेतु राज्य कोष से ₹50 हजार प्रति आवास की दर से उपलब्ध कराने की योजना है।
बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर आवास योजना – Jharkhand Budget 2022–23 में इस योजना के अंतर्गत अगले वित्तीय वर्ष में 6,6৪7 आवासों का निर्माण कार्य करने तथा 11000 नये आवासों की स्वीकृति एवं निर्माण का लक्ष्य है।
सखी मण्डल व पलाश रिटेल अउटलेट्स – राज्य में लगभग 2,72,000 सखी मण्डलों का गठन किया गया है। तथा इससे 34 लाख परिवारों को जोड़ा जा चुका है। आगामी वित्तीय वर्ष में 10 हजार नये सखी मण्डल का गठन करने तथा 20 हजार सखी मण्डल को चक्रीय राशि एवं 74 लाख सखी मण्डलों को सामुदायिक निवेश राशि उपलब्ध कराने का लक्ष्य है। इन सखी, मण्डालों द्वारा उत्पादित वस्तुओं की बिक्री हेतु बड़ी संख्या में ‘पलाश रिटेल आउटलेट्स’ खोले जायेंगे।आगामी वित्तीय वर्ष 2022-23 में ग्रामीण विकास के लिए ৪,০51.67 करोड़ रूपये का बजट प्रस्तावित है।
वित्त अयोग अनुदान -वित्तीय वर्ष 2022-23 में 15वें वित्त आयोग अनुदान मद में लगभग 1,293 करोड़ रुपए की राशि प्राप्त होने की संभावना है। जिसमें से जिला परिषद को 10% पंचायत समितियों को 15% तथा ग्राम पंचायतों को 75% राशि दी जाएगी। उक्त राशि से संबंधित संस्था 30% जलापूर्ति पर 30% स्वच्छता पर और शेष 40% का व्यवस्था की आवश्यकता की योजनाओं पर कर सकेगी योजना के चयण ग्राम सभा द्वारा किया जाएगा।
कॉमन सर्विस सेंटर -– पंचायतों को ज्यादा लोकोन्मुखी बनाने एवं ग्रामीणों को सुविधा उपलब्ध कराने के लिए पंचायत भवन में क्रियाशील कॉमन सर्विस सेंटर को सुद्ढ़ किया जायेगा। इस पर 45 करोड़ व्यय का प्रस्ताव है।
पंचायत ज्ञान केन्द्र – ग्राम पंचायत भवन को ज्ञान केन्द्र के रूप में विकसित करने तथा ग्रामीणों को पढ़ने का स्थान उपलब्ध कराने के लक्ष्य के साथ ‘पंचायत ज्ञान केन्द्र ‘ की स्थापना की जायेगी। इस पर 21 करोड़ रूपये के व्यय का प्रस्ताव है। आगामी वित्तीय वर्ष 2022-23 में पंचायती राज के लिए 2,015.47 करोड़ रूपये का बजट प्रस्तावित है।
सार्वभौमिक पेंशन – राज्य सरकारे द्वारा इस बजट में सार्वभौमिक पेंशन (Universal Pension) की परिकल्पना की गयी है। जिसे मूर्त रूप प्रदान करने हेतु पेंशन प्राप्त करने की पात्रता को सरल कर दिया गया है। इस योजना को लागू करने के पश्चात् अब 2,90,000 लोगों को लाभान्वित किया गया है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में शेष बचे लाभान्वितों को आच्छादित किया जायेगा।
बच्चों को गर्म पोशाक – आगामी वित्तीय वर्ष 2022-23 में बच्चे नियमित खूप से आंगनबाडी केन्द्र में उपस्थित होकर पोषाहार एवं शिक्षा जैसी मूलभूत जरूरतों को प्राप्त करे। इस हेतु बच्चों को गर्म पोशाक (Woolen Uniform) वितरित करने की योजना लागू जायेगी। इसके तहत लगभग 15 लाख बच्चों को लाभाविन्त किया जा सकेगा। इसके साथ ही बच्चों को बेहतर पोस्टिक आहार उपलब्ध कराने के दृष्टिकोण से अंडा वितरण करने का प्रस्ताव है।
आंगनबाड़ी में जल शोधक यंत्र – आगामी वित्तीय वर्ष में राज्य के सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों में पूरक पोषाहार पकाने एवं वितरण करने हेतु बर्तनों तथा स्वच्छ पैयजल की उपलब्धता हेतु एक-एक जल शोधक यंत्र (Water Purifier) की आपुर्ति करने की योजना है।
विद्यालय से बाहर रह रहे 23 हजार किशोरियों एवं युवतियों का चयन शिक्षा प्राप्ति के लिये किया गया है। आगामी वित्तीय वर्ष में कम से कम 14 हजार किशोरियों एवं यु्वतियों को 8वीं/ 10वीं पाठ्यक्रम में नामांकित करने का प्रस्ताव है। आगामी वित्तीय वर्ष 2022-23 में महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा के लिए 5742.32 करोड़ रूपये का बजट प्रस्तावित है।
जीरो ड्रॉप आउट पंचायत – विद्यालयों के छीजन दर (Dropout Rate) को कम करने हेतु कई नवाचार किए जा रहे हैं। जिसके परिणामस्वरू राज्य के 1828 पंचायत जीरो ड्रॉपआउट घोषित हो चुके हैं तथा आगामी वितीय वर्ष में 1 हजार और पंचायतों को जीरो ड्रॉपआउट पंचायत बनाने का लक्ष्य रखा ग्या है।
सेतु पाठ्य योजना – वैश्विक महामारी के दौरान राज्य के लगभग 6 लाख बच्वे विद्यालय से बाहर हो गये थे। जिसमें से लगभग 4 लाख 23 हजार विद्यार्थियों का नामांकन पुन; विद्यालयों में कराया गया है तथा शेष विद्यार्थियों हेतु “सेतु पाठ्य योजना’ प्रारंभ की गयी है।
निदानात्मक शिक्षा – गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को सुनिश्चित करने हेतु बच्चों के लिए ‘निदानात्मक शिक्षा (Remedial (Class) प्रारंभ किया गया है। इस हेतु वित्तीय वर्ष 2022-23 में 40 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है।
पारा शिक्षक – राज्य सरकार ने प्रशिक्षित पारा शिक्षकों के मानदेय में 40 प्रतिशत तथा टेट पास प्रशिक्षित पारा शिक्षकों के मानदेय में 50 प्रतिशत बढ़ोत्तरी का निर्णय लिया है। अब ये पारा शिक्षक, सहायक अध्यापक के नाम से जाने जायेंगे। आगामी वर्ष 2022-23 हेतु इन शिक्षकों के मानदेय मद में राज्य योजना के अंतर्गत 600 करोड रूपये का अतिरिक्ति प्रावधान किया गया है।
मध्याह्न भोजन – मध्याहन भोजन के अंतर्गत अतिरिक्त पोषाहार यथा- अण्डा एवं फल के लिये 136 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है।
गणित एवं विज्ञान लैब – गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की प्राप्ति हेतु ज्ञानोदय योजना के अंतर्गत विद्यालयों में गणित एवं विज्ञान लैब का अधिष्ठापन तथा डिजिटल शिक्षा के साथ-साथ शिक्षकों को 42 हजार टैब उपलब्ध कराया जायेगा।
हास्टल निर्माण तथा वाहन – राज्य के कुल 84 मॉडल विद्यालयों में विद्यार्थियों का नामांकन बढ़ाने के दुष्टिकोण से उसमें हॉस्टल का निर्माण तथा परिवहन हतु वाहन उपलब्ध कराने की योजना है।
बालिकाओं हेतु अतिरिक्त छात्रावास निर्माण – राज्य में संचालित 203 कस्तुरबा गाँधी बालिका विद्यालय में नामांकन के अनुरूप छात्राओं के उचित आवासन की व्यवस्था हेतु अतिरिक्ति छात्रावास निर्माण के लिए वित्तीय वर्ष 2022-23 में 200 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है।
रीडिंग रूम – आगामी वित्तीय वर्ष में चरणबद्ध तरीके से जिला पुस्तकालय का निर्माण किया जायेगा। राँची में प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी कर रहे बच्चों की सुविधा के लिए एक वृहद्री डिंग रूम का निर्माण कराया जायेगा। आगामी वित्तीय वर्ष 2022– 23 में स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता के लिए 11,660.68 करोड़ रुपया का बजट प्रस्तावित है।
गरूजी क्रेडिट कार्ड स्कीम – राज्य सरकार द्वारा झारखण्ड के छात्र-छात्राओं को उच्चतर शिक्षा में बाधाओं को दूर करने हेतु ‘गुरूजी क्रेडिट कार्ड स्कीम’ प्रारंभ करने की योजना का प्रस्ताव है। इसके माध्यम से छात्र-छात्राओं को उच्चतर शिक्षा प्राप्त करने हेतु बिना बंधक के ऋण उपलब्ध कराया जायेगा।
साइंस सिटी – क्षेत्रीय विज्ञान केन्द्र, रॉंची में भारत सरकार के सहयोग से ‘साइंस सिटी’ की स्थापना का प्रस्ताव है।
तारामंडल की स्थापना – आगामी वित्तीय वर्ष में दुमका तथा देवघर में तारामंडल की स्थापना कार्य पूर्ण कर इसके संचालन की कार्रवाई करने का प्रस्ताव है। आगामी वित्तीय वर्ष 2022-23 में उच्च एवं तकनीक की शिक्षा के लिए 2,026. 13 करोड़ रूपये का बजट प्रस्तावित है।
स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु प्रस्तावित योजनाएं
नल द्वारा शुद्ध पेयजल – राज्य सरकार 2024 तक सभी लोगों के घरों में नल से शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है।
गंगा नदी से नल द्वारा शुद्ध जल- सरकार द्वारा साहेबगंज, गोड्डा, दुमका तथा पाकुड़ के लोगों को गंगा नदी से नल द्वारा शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है।
ग्रामीण जलापूर्ति योजना – वर्तमान में 289 वृहत् ग्रामणी जलापुर्ति योजनाओं का निर्माण कार्य प्रगति पर है। साथ ही जल जीवन मिशन के तहत् 96 नये वृहत ग्रामीण जलापू्ति योजनाओं की स्वीकृति प्रदान कर इसके निर्माण हेतु अग्रतर कार्रवाई की जा रही है। ऐसे ग्रामीण क्षेत्र जहाँ वृहत् जलापूर्ति योजनाओं के निर्माण हेतु सतही स्रोत उपलब्ध नहीं है, वैसे क्षेत्रों को सोलर आधारित लघु ग्रामीण जलापर्ति योजनाओं से आच्छादित किया जा रहा है।
नलकूप निर्माण – राज्य के ऐसे सुदूर क्षेत्र जो जलापूर्ति से आच्छादित नहीं हो पाये हैं या आशिक रूप से आच्छादित हैं, उन टोलों में जलापर्ति उपलब्ध कराये जाने हेतु राज्य के सभी पंचायतों में 5-5 प्रति पंचायत की दर से नलकूप निर्माण की कार्रवाई की जा रही है।
शौचालय निर्माण – राज्य के लगभग सभी घरों में शौचालय का निर्माण किया जा चुका है, किन्तु कई ऐसे परिवार हैं, जो छूट गये हैं। इसलिए इन छूटे हुए परिवार के साथ-साथ नये घरों में भी शौचालय का निर्माण कराया जा रहा है।
सभी घरों में नल से शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के संकल्प को पूरा करने हेतु आगामी वित्तीय वर्ष 2022–23 में 20% की वृद्धि करते हुए कुल 4,054.40 करोड़ रुपए का बजट प्रस्तावित है।
झारखंड राज्य खाद्य सुरक्षा योजना – इस योजना के अंतर्गत राष्ट्रीय खाद सुरक्षा अधिनियम के अधीन वर्धमान में 9 लाख अंत्योदय परिवारों को ₹1 प्रति किलोग्राम की दर से प्रति परिवार 35 किलोग्राम तथा Priority household (PHH) योजना के लगभग दो करोड़ 28 लाख सदस्य के प्रति व्यक्ति 5 किलोग्राम खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा रहा है।
वैसे परिवार जिन्हें राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत आच्छादित नहीं किया जा सका है। वैसे 15 लाख लाभुको को झारखण्ड राज्य खाद्य सुरक्षा योजना संचालित कर प्रति व्यक्ति 5 किलोग्राम खाद्यान्न 1 रूपये प्रति किग्रा. की दर से उपलब्ध कराया जा रहा है।
ऐसे योग्य परिवार जो इस लाभ से वंचित हैं। उन्हें झारखण्ड राज्य खाद्य सुरक्षा योजना के तहत लाभूकों का आअधिकतम लक्ष्य 15 लाख से बढ़ाकर 20 लाख किये जाने का प्रस्ताव है। इससे 5 लाख नये परिवार इस योजना से जुड़ सकेंगे।
कुपोषण योजना – कुपोषण की समस्या को दूर करने के उद्देश्य से दाल वितरण योजना प्रारंभ करने का प्रस्ताव है। इसके तहत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम एवं झारखण्ड राज्य खाद्य सुरक्षा योजना से आच्छादित परिवारों को प्रतिमाह 1 किग्रा, दाल 1 रूपये की दर से उपलब्ध कराने का प्रस्ताव है। आगामी वित्तीय वर्ष 2022-23 में खाद्य, सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामले के लिए 2,552.58 करोड़ रूपये का बजट प्रस्तावित है।
नियोजन अधिनियम – झारखण्ड राज्य के निजी क्षेत्र में स्थानीय उम्मीदवारों का नियोजन अधिनियम 2021 गठित किया गया है। जिसकी नियमावली प्रारूप तैयार की जा रही है। इस अधिनियम के प्रारंभ होने के पश्चात् प्रत्येक नियोक्ता द्वारा 40 हज़ार रूपये तक के सकल मासिक वेतन या मजदूरी वाले रिक्त पढदों पर 75% स्थानीय उम्मदीवारों को ही नियोजित किया जायेगा।
मुख्यमंत्री सारथी योजना – आगामी वित्तीय वर्ष 2022-23 में मुख्यमंत्री सारथी योजना प्रारंभ करने का प्रस्ताव है। इस योजना के माध्यम से डिग्री प्राप्त युवाओं को रोजगार के लिए विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी करायी जायेगी।
युवाओं को कौशल प्रशिक्षण – राज्य सरकार युवाओं रोजगारपरक कौशल प्रशिक्षण देकर रोजगार-स्वरोजगार से जोड़ने के लिए कृतसंल्पित है। झारखण्ड कौशल विकास मिशन सोसाइटी द्वारा वर्ष 2022-23 में एक लाख युवाओं के लिए कौशल प्रशिक्षण का लक्ष्य रखा गया है। आगामी वित्तीय वर्ष 2022-23 में श्रम, नियोजन प्रशिक्षण एवं कौशल विकास के लिए 590.70 करोड़ रूपये का बजट प्रस्तावित है।
मुख्यमंत्री रोजगार सुजन योजना – यह योजना राज्य के पिछड़े एवं अभिवचित वर्ग को सुगम एवं सस्ते दर पर ऋण-सह- अनुदान देकर रोजगार उपलब्ध कराने के लिए एक महत्वपूर्ण योजना है।इस योजना के अंतर्गत अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक, पिछड़ा वर्ग तथा दिव्यांगजन के युवाओं को स्वयं का व्यवसाय प्रारंभ करने हेतु सुगम एवं सस्ते दर पर ऋण-सह अनुदान देने का प्रावधान है। इस योजना के अंतर्गत ऋण राशि का अधिकतम 40 प्रतिशत अथवा अधिकतम 5 लाख रूपये का अनुदान देने का प्रावधान है।
वित्तीय वर्ष 2022–23 में इस योजना पर विस्तृत रूप में लागू करने का प्रस्ताव है। जिसके लिए कुल 100 करोड़ रुपए की राशि प्रावधानित की जा रही है।
आवासीय विद्यालय – आगामी वित्तीय वर्ष में 14 एकलव्य आवासीय विद्यालय, 9 आश्रम विद्यालय, 4 पी.वी.टी.जी. आवासीय प्राथमिक विद्यालय तथा अनुसूचित जनजाति आवासीय उच्च विद्यालय का संचालन प्रारंभ करने का लक्ष्य है।
पारदेशीय छात्रवृत्ति योजना – जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय छात्रवृत्ति योजना के दायरे को बढ़ाते हुए अनुसूचित जनजाति छात्र छात्राओं को भांति अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक तथा पिछड़ा वर्ग के छात्र-छात्राओं को भी यूनाइटेड किंगडम एवं नॉर्दर्न आयरलैंड के चयनित विश्वविद्यालय संस्थानों तथा कैंब्रिज विश्वविद्यालय ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय, आदि में मास्टर /एम.फिल फुल डिग्री प्रोग्राम ग्रहण करने हेतु वित्तीय सहायता प्रदान करने का प्रस्ताव है।
झारखंड के जनजातीय संस्कृति को संरक्षित एवं सुरक्षित करने हेतु जनजातीय समुदाय के पवित्र स्थल यथा सरना/जाहेर स्थान हड़गड़ी/मसना के विकास के लिए चहारदीवारी निर्माण पेयजल पूर्ति सौर ऊर्जा आधारित विद्युत आपूर्ति। चबूतरा निर्माण आदि का कार्य किया जा रहा है। वित्तीय वर्ष 2022 में इस योजना हेतु कुल ₹175 करोड़ की राशि का प्रावधान प्रस्तावित है।
कब्रिस्तान घेराबंदी के लिए वित्तीय वर्ष 2022–23 में क्रियान्वयन हेतु कुल ₹100 करोड़ की राशि का प्रावधान प्रस्तावित है। आगामी वित्तीय वर्ष 2022–23 में अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण के लिए 2217.40 करोड़ रूपए का बजट प्रस्तावित है।
वन संवर्ध्दन एवं संरक्षण के सतत् प्रयासों के कारण राज्य द्वारा राष्ट्रीय जनजाति वन नीति के अनुरूप निर्धारित लक्ष्य हासिल कर लिया गया है। भारतीय वन सर्वेक्षण देहरादून के प्रतिवेदन के अनुसार 2019 से 2021 तक के 11 हजार हेक्टेयर वन क्षेत्रों में वृद्धि हुई है।
इस वित्तीय वर्ष में कुल 1 लाख 78 हजार पोधों का रोपन किया जा रहा है। आगामी वित्तीय वर्ष सें इसे बढ़ाकर कुल 2 लाख 56 हजार पौधारोपण का प्रस्ताव है। नदी तट पर वृक्षारोपण के तहत सभी 24 जिलों में 753 किलोमीटर, नदी तट वृक्षारोपण का कार्य संपन्न किया गया है। इस वित्तीय वर्ष में 93 किमी. नदी तट वृक्षारोपण का अग्रिम कार्य किया जा रहा है। आगामी वित्तीय वर्ष में 115 किमी. नदी तट वृक्षारोपण का अग्रिम कार्य प्रस्तावित है।
बायोडिवर्सिटी पार्क (Biodiversitv Park) – नामकुम में अवस्थित बायोडिवर्सिटी पार्क को पीपीपी मोड के तहत इको-टूरिज्य पार्क के सिद्धांत पर विकसित करने का प्रस्ताव है।
पलामू व्यात्र संरक्षण फाउण्डेशन – पलाम् व्याघ्र संरक्षण फाउण्डेशन अनुदान के नाम से एक नई योजना की शुरूआत करने का प्रस्ताव है, जिसके अंतर्गत पलाम् व्याघ्र आरक्ष्य में वन्यप्राणियों की सुरक्षा, भोजन, विकास कार्य आदि के लिए अनुदान मद से राशि उपलब्ध करायी जायेगी। आगामी वित्तीय वर्ष 2022-23 में वन, पयावरण एवं जलवायु परिवर्तन के लिए 1,019.95 करोड़
रूपये का बजट प्रस्तावित है।
राज्य गठन के समय पथों की लंबाई मात्र 5400 किमी. थी, यह बढकर अब 12,736 किमी, हो गया है। आगामी वित्तीय वर्ष में कुल 1200 किमी, पथों का Widening/Strengthing/Riding Quality Improvement, 20 पुल पुलिया का निर्माण कार्य करने की योजना है।
राज्य की राजधानी रांची में जाम की समस्या के निवारण हेतु Inner Ring Road/Flover/Elevated Corridor
या अन्य पथों के चौड़ीरकण को प्रस्ताव है जिसमें मुख्यतः नेवरी बूटी मोड़-कोकर-कांटाटोली नामकोम पथ, विवेकानन्द स्कूल मोड़-नयासराय-रिंगरोड पथ, सिरम टोली-राजेन्द्र चौक- मेकॉन तक round about का चार लेन का elevated corridor निर्माण कार्य शामिल है। साथ ही Ring road के प्रमुख के रेडियल Roads चौड़ीकरण एवं मजबूतीरकण कार्य का भी प्रस्ताव है।आगामी वित्तीय वर्ष 2022-23 में पथ निर्माण के लिए 3853.34 करोड़ रूपये का बजट प्रस्तावित है।
झारखण्ड जनजातीय विश्वविद्यालय एवं झारखण्ड खुला विश्वविद्यालय – वर्ष 2021-22 में इन दोनों विश्वविद्यलाय की स्थापना की जानी है। ताकि राज्य के सुदूर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में उच्चतर शिक्षा की पहुँच संभव हो सके। महिला महाविद्यालयों में आवश्यकता आधारित 300 शैय्या छात्रावास का निर्माण कराया जायेगा।
केन्द्रीय Placement Cell – अधिक से अधिक छात्रों को रोजगार एवं प्रशिक्षण का अवसर उपलब्ध कराने हेतु इस Cell के गठन का प्रस्ताव है।
प्रधानमत्री ग्राम सड़क योजना – राज्य सरकार द्वारा आगामी वित्तीय वर्ष में केन्द्र प्रायोजित प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 2500 किमी, पथ का उन्नयन/सुदूढ़ीकरण तथा 250 पुल का निर्माण कार्य कराया जायेगा। केंद्र प्रायोजित योजना Road Connectvity project for left wing extremism area (RCPLWEA) के तहत 500 किमी. पथ एवं 50 पुल के निर्माण का प्रस्ताव है।
मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना – राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण सड़कों के निर्माण हेतु राज्य संपोषित योजना कार्यान्वित की जा रही है। इस योजना का विस्तार करते हुए इसे मुख्यमत्री ग्राम सड़क योजना के रूप में लॉन्च करने का प्रस्ताव है। इस योजना के तहत आगामी वित्तीय वर्ष 2022-23 में 1 हजार किमी. ग्रामीण पथों के निर्माण/सुद्ढ़ीकरण करने का प्रस्ताव है।
मुख्यमंत्री ग्राम सेतु योजना – इस योजना के अंतर्गत आगामी वित्तीय वर्ष 2022-23 में 70 पुलों का निर्माण करने का प्रस्ताव है।
आगामी वित्तीय वर्ष 2022-23 में ग्रामीण पथ कार्य के लिए 2664.33 करोड रूपये का बजटप्रस्तावित है।
वर्तमान श्रीकृष्ण लोक प्रशासन संस्थान (SKIPA) परिसर में आ रही कठिनाईयों के मद्देनजर इसके नये भवन के निर्माण हेतु भूमि चिन्हित कर ली गई है। बेहत प्रशिक्षण सुनिश्चित कराने हेतु इस संस्थान के लिये नये भवन का निर्माण प्रस्तावित है। पदाधिकारियों/ कर्मियों के आवासों की कमी को दूर करने हेतु वरीय पदाधिकारियों/कर्मियों के आवासों का निर्माण कार्य भी अगले वित्तीय वर्ष में प्रस्तावित है।
आगामी वित्तीय वर्ष में नई दिल्ली में झारखण्ड भवन, गोड्डा तथा धनबाद समाहराणालय एवं सरायकेला तथा गुमला के अनुमण्डल कार्यलय एवं दुमका कन्वेंशन सेंटर का निमर्माण कार्य पूरा करने का प्रस्ताव है। आगामी वित्तीय वर्ष में गुमला, चतरा, लोहरदगा एवं बोकारो में समारणालय भवन तथा चतरा, सिमडेगा, बागोदर एवं जामताडा का अनुमण्डलीय कार्यालय भवन के निर्माण कार्य प्रारंभ करने का प्रस्ताव हैं। आगामी वित्तीय वर्ष 2022-23 में भवन निर्माण के लिए 568.06 करोड़ रूपये का बजट प्रस्तावित है।
industrial-cum-Logistic Park- साहेबगंज जिला के आर्थिक एवं सामाजिक विकास हेतु मल्टी-मोडल टर्मिनल के नजदीक Jndustrial cum-Logistic Park प्रस्तावित है। भृमि चिन्हित करने की कार्रवाई की जा रही है।
परिवहन विभाग के अंतर्गत सभी कार्यालयों में सभी प्रकार के शुल्क एवं कर ई-ग्रास/ई-पोस मशीन के माध्यम से प्राप्त किये जा रहे हैं तथा पूर्णतः कैशलेस सिस्टम लागू कर दिया गया है। राज्य में व्यावसायिक वाहनों के गुणवत्तापूर्ण फिटनेस जाँच ऑटोमेटेड उपकरणों के माध्यम से करने हेतु ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन का निर्माण राज्य सरकार के द्वारा किये जाने का प्रस्ताव है।
Jharkhand Flving Institute – राज्य में वैमानिकी प्रशिक्षण को गतिशीलता प्रदान करने तथा नए प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों को प्रारंभ करने के उद्देश्य Jharkhand Flying Institute नामक सोसाइटी का गठन करने का प्रस्ताव है।
राज्यवासियों को सस्ते दर पर एयर एम्बुलेंस की सुविधा सुलभ कराने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा वेटलीज पर एक एयर एम्बुलेंस रखने का लक्ष्य निधारित किया गया है।
राजकीय नागर विमानन नीति – राज्य में विमानन क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने तथा रोजगार के नए अवसर सृजित करने के उद्देश्य से राजकीय नागर विमानन नीति, 2022 का गठन किया जायेगा।
साहेबगंज में हवाई अड्डा – साहेबगंज सड़क, रेल एवं जल तीनों मागों से जुड़ते हुए एक मल्टी मोड़ल हब के रूप में उभर रहा है। राज्य सरकार इसे वाय मार्ग से भी जोड़ कर साहेबगंज ही नहीं. बल्कि समस्त क्षेत्र की आर्थिक गतिविधियों को तेजी प्रदान करने के उद्वेश्य से साहेबगंज में हवाई अड्डा के निर्माण का प्रस्ताव है। आगामी वित्तीय वर्ष 2022-23 में परिवहन के लिए 335.62 करोड़ का बजट प्रस्तावित है।
राज्य सरकार अपने उपभोक्ताओं को विश्वसनीय और गुणवत्तापूर्ण बिजली आपूर्ति प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस क्रम में, राज्य सरकार ने केन्द्र सरकार की योजना Revamped Distrihution Sector Scheme (RDSS) मे शामिल होने का निर्णय लिया है। इस योजना के तहत लगभग कुल 9800 करोड़ रूपये का निवेश किया जायेगा। इस योजना के तहत राज्य में बिजली नेटवर्क के विस्तार, आधुनिकीकरण, उचित ऊर्जा लेखांकन और प्री-पेड स्मार्ट मीटर की स्थापना की जायेगी।
प्री-पेड मीटर बिजली चोरी रोकने, राजस्व की सुरक्षा एवं राजस्व वसूली में सुधार लाने में कारगर होंगे, जिससे उपभोक्ता सरलता से बिजली का उपयोग एवं उपयोग की गई बिजली का भुगतान
कर सकेंगे।
Solar Policy – राज्य सरकार द्वारा सोलर एनर्जी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से Solar Policy लागू किया गया है। इसके तहत सोलर पावर प्लांट, सोलर आधारित स्थापित करने तथा अनुदान उपलब्ध कराया जायेगा। आगामी वर्षों में इससे 1,000 मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष् रखा गया है।
बिजली उपभोक्ताओं को सब्सिडी – राज्य केबिजली उपभोक्ताओं को बिजली बिल की राशि में अतिरिक्त भार को कम करने हेतु राज्य सरकार द्वारा सब्सिडी दिया जाता है। इसके तहत
वित्तीय वर्ष 2022-23 में विभिन्न श्रेणी के बिजली उपभोक्ताओं को सब्सिडी प्रदान करने हेतु् 1800 करोड़ रूपये प्रस्तावित है।
मुफ्त विजली – गरीब और किसानों पर बिजली बिल का बोझ कम करने के उद्देश्य से हमारी सरकार द्वारा ऐसे प्रत्येक परिवार को मासिक 100 यूनिट बिजली मुफ्त दिये जाने का प्रस्ताव है। आगामी वित्तीय वर्ष 2022-23 में ऊर्जा के लिए 4854.94 करोड़ रूपये का बजट प्रस्तावित है।
राज्य सरकार द्वारा राज्य में औद्योगिक विकास के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करने के लिए उद्योगों की प्राथमिकता निर्धारित कर उनके लिए औद्योगिक नीतियों का निर्माण एवं सरलीकरण किया जायेगा।
झारखण्ड उद्योग प्रोत्साहन नीति – राज्य में उद्योगों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से नई झारखण्ड उद्योग प्रोत्साहन नीति लागू की गई।जिनके लिए अनुदान उपलब्ध कराने के लिए 160 करोड़ रूपये के बजट उपबंध को प्रस्ताव है।
Start-up Capital Venture Fund – IT & ITes, Bio-Technology इत्यादि प्रक्षेत्रों में startups को करने के लिए Start-up Capital venture Fund की स्थापना की जायेगी।
PMGEP – वित्तीय वर्ष 2022-23 में प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMGEP) योजना के अंतर्गत 6,000 युवक -युवतियों को स्वरोजगार से जोड़ने का लक्ष्य है। आगामी वित्तीय वर्ष में राज्य में नये हस्तकरघा समूहों का निर्माण कर उन्हें कार्यरत करने के लिए मशीन-उपकरण मद में अनुदान देने का प्रस्ताव है। साथ ही, पूर्व से कार्यरत 120 प्राथमिक बुनकर समितियों एवं 133 हस्तकरघा समूहों को सुदूढ़ किया जाना प्रस्तावित है।
झारखंड इंस्टिट्यूट ऑफ़ क्राफ्ट डिजाइन (Jharkhand Institute of Craft Design) (JCD) – हस्तशिल्प एवं हस्तकरघा विकास के लिए रांची में Jharkhand Institute of Craft Design (JICD) को आगामी शैक्षणिक सत्र में प्रारंभ का प्रस्ताव है। नये तकनीक के आधार पर नये उद्योग स्थापित करने के उद्देश्य से Jharkhand Industrial park policy तथा झारखंड vehicle Policy लागू करने का प्रस्ताव है।
Asset Reconstruction Corporation के माध्यम से रूग्ण उद्योगों (Sick Industries) के Revival के
लिए पैकेज तैयार किये जायेंगे।
राँची में ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार हेतु दो फ्लाइओवर एवं ट्रांसपेरट नगर के निर्माण पर कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त रॉँची के लिए एक Comprehensive Mobility Plan का निर्माण कराया जा रहा है। जिससे कि सुनियोजित तरीके से योजनाओं का क्रियान्वयन सुनिशिचित किया जा सके। राजधानी के सौंदर्यकरण पर भी कार्य किया जा रहा है। एवं पुराने बाजारों एवं आवासीय कॉलोनी के पुननिर्माण पर भी कार्य प्रारभ किया जायेगा।
राज्य सरकार के द्वारा वित्तीय वर्ष 2022-23 में राँची, जमशेदपुर एवं धनबाद में आधुनिक सिटी बस सेवा प्रारंभ किये जाने की योजना है। इसके अतिरिक्त इन शहरों में मॉडनर्न अंतर्राज्यीय बस अड्डों का निर्माण लोक-निजी भागीदारी के आधार पर कराये जाने की योजना है। राज्य के नागरिकों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने हेतु वित्तीय वर्ष 2022-23 में नवगठित 10 नगर निकायों एवं गुमला, लोहरदगा तथा जामताड़ा में Piped Water Supply की नई योजनाओं पर कार्य प्रारंभ किया जायेगा।
प्रधानमंत्री आवास योजना – आमजनों को आवास की सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत लगभग 70,000 आवास पूर्ण करने का लक्ष्य है। इसके अतिरिक्त झारखण्ड राज्य आवास बर्ड क द्वारा राज्य गठन के बाद पहली बार रॉँची एवं देवघर में आवासीय परियोजना का निर्माण प्रारंभ किया जायेगा। वित्तीय वर्ष 2022-23 में नये सचिवालय भवन का निर्माण कार्य प्रांरंभ कराया जायेगा, जिससे कि सरकार के सभी विभाग एक जगह पर आपसी समन्वय के साथ काम कर सके।
आगामी वित्तीय वर्ष में Greater Ranchi Development Authority (GRDA) के अंतर्गत आधारभूत संरचना विकसित करने के साथ-साथ आवासों का भी निर्माण कराये जाने का प्रस्ताव है। आगामी वित्तीय वर्ष 2022-23 में नगर विकास एव आवास के लिए 3,055.04 करोड़ रूपये का बजट प्रस्तावित है।
नई पर्यटन नीति – राज्य में पर्यटन नीति, 2021 लागू है जो अगले 5 वर्षों के लिए प्रभावी रहेगी। पर्यटक सुविधा हेतु आधारभूत संरचना विकास के तहत निजी क्षेत्र की हिस्सेदारी बढ़ाना, पर्यटक आवासन व्यवस्था सुदृढ़ीकरण, पर्यटकों को पर्याप्त सुरक्षा सुनिश्चित करने की योजना है। राज्य के विभिन्न डैम/जलाशयों में जलक्रीड़ा के अवसर उपलब्ध कराये जायेंगे तथा विभिन्न जलाश्यों को जोड़कर टरिस्ट सर्किट विकसित किये जायेंगे। राज्य के विभिन्न जलप्रपातों में अधारभूत संरचना का विकास किया जायेगा। जैसे स्वकायवाक्, रोपवे इत्यादि जिससे पर्यटकों को विश्वस्तरीय सुविधायें उपलब्ध हो सकंगी।
नई खेल नीति – राज्य में अगले वित्तीय वर्ष में नई खेल नीति घोषित की जायेगी, ताकि खिलाड़ियों को प्रोत्साहन दिया जा सके तथा खेलकूद की गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा सके।
सिदो-कानू युवा क्लब – राज्य में युवाओं के सामाजिक, मानसिक, बौद्द्धिक, सांस्कृतिक एवं खेल विकास हेतु राज्य के गाँवों में ‘सिदो-कान्हु युवा क्लब’ की स्थापना किये जाने का प्रस्ताव है। आगामी वित्तीय वर्ष 2022-23 में पर्यटन, कल संस्कृति, युवा एवं खेलकूद के लिए 349.39 करोड़ रूपये का बजट प्रस्तावित है।
सरकार IT एवं e-Govermance के क्षेत्र में Artifcial Intelligence एवं Blockchain तकनीक के उपयोग से Data Driven Governance, Online Cashbook Management, Jharbhoomi Application एव Land Records इत्यादि परियोजनाओं को सुरक्षित एंव सुदृढ़ बनाकर आम नागरिकों को सुलभ एव Real Time में सेवाये उपलब्ध कराने का प्रयास कर रही है।
IT Policy – कोरोना काल में देश ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में IT के प्रयोग में काफी वृद्धि हुयी है। IT क्षेत्र को विकसित करने के उद्देश्य से नई IT Policy लाने का प्रस्ताव है।
GIS प्रयोगाशाला – झारखण्ड अंतरिक्ष उपयोग केन्द्र, रॉँची में एक राज्यस्तरीय भौगोलिक सूचना तंत्र (GIS) प्रयोगशाला स्थापित करने का प्रस्ताव है।
Startup Fund – युवाओं में उद्यमशीलता विकसित करने के उद्देश्य से तथा ‘हमर अपन बजट’ में प्राप्त सुझावों के आधार पर राज्य में Start up Fund बनाने का प्रस्ताव है। इसके लिए आगामी वित्तीय वर्ष में कुल 50 करोड रूपये का प्रावधान किया गया है। आगामी वित्तीय वर्ष 2022-23 में सूचना प्रौद्योगिकी एवं ई-गवन्न्स के लिए 353.27 करोड़ रूपये का बजट प्रस्तावित है।
प्रेस क्लब – राज्य की राजधानी में अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त प्रेस क्लब भवन सुचारू रूप से संचालित है। देवघर तथा धनबाद में प्रेस क्लब निर्माणाधीन है।
झारखण्ड राज्य पत्रकार स्वास्थ्य बीमा योजना 2021 – झारखण्ड राज्य के पत्रकारों को स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ दिये जाने हेतु झारखण्ड राज्य पत्रकार स्वास्थ्य बीमा योजना-2021 लागू किये जाने हेतु आवश्यक कार्रवाई की जा रही है। आगामी वित्तीय वर्ष 2022-23 में सूचना एवं जनसंपर्क के लिए 156.O7 करोड़ रूपये का बजट प्रस्तावित है।
राज्य के विधि विज्ञान प्रयोगशाला के सुदृढ़करण DNA Analysis, Cyber Forensic, Moblie Forensic Vans, Equipments and Electronic Items, Kits, Tools, Chemicals एवं अन्य सुविधाओं को बढाये जाने का प्रस्ताव है।
मानवाधिकार उल्लंघन के रोकथाम हेतु राज्य के सभी थानों में सीसीटीवी कैमरा का अधिष्ठापन कराया जाना है।
Crime and Criminal Tracking Network System (CCTNS) परियोजना अंतर्गत पुलिस frare I Digitization, Online FIR की सुविधा, समाधान पोर्टल अंतर्गत पुलिस से संबंधित ऑनलाइन सेवा तथा पुलिस, न्यायालय, जेल, अभियोजन विधि विज्ञान प्रयोगशाला, अन्वेषण ब्यूरो में डाटा का आदान-प्रदान करने की योजना प्रक्रियाधीन है। राज्य के 514 थानों में यह व्यवस्था लागू हो गई है। आगामी वित्तीय वर्ष 2022-23 में गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन के लिए 8452.967 करोड़ रूपये का बजट प्रस्तावित है।
सभी केन्द्र प्रायोजित योजनाओं की भांति राज्य संचालित 24 योजनाओं के तहत भी डीबीटी के माध्यम से भुगतान करने की कार्रवाई की जा रही है। राज्य सरकार डिजीटल तकनीक का प्रयोग करते हुए सभी कर्मियों को पेपरलेश माध्यम से उनके वेतन का भुगतान करेगी। सभी केन्द्रीय योजनाओं के तहत Single Nodal Account के माध्यम से योजनाएँ संचालित करने की कार्रवाई की जा रही है। इससे लाभुकों के भुगतान में आ रही कठिनाइयाँ तो दूर होंगी हीं, साथ ही लाभुकों को ससमय राशि उनके बैंक खाता में भी हस्तांतरित हो जायेंगे।
झारखण्ड में आउटकम बजट सुत्रित करने की प्रक्रिया वित्तीय वर्ष 2021-22 में शुरू की गयी थी, जिसके अंतर्गत कल 11 विभागों द्वारा आऊटकम बजट सूत्रित किये गये थे। आगामी वित्तीय वर्ष हेतु कुल 13 विभागों द्वारा आउटकम बजट का गठन किया गया है, जिसके अंतर्गत कुल 314 योजनाओं को आउटकम बजट में सम्मिलित किया गया है और लगभग 39 हजार करोड़ रूपये कर्णांकित किये गये हैं।
वित्तीय वर्ष 2022-23 के आउटकम बेंजट मं योजना के उद्व्यय के साथ-साथ उनके कार्यान्वियन Target हेतु Indicator तथा को स्पष्टत: आकित किया गया है। तथा योजना के क्रियान्वयन के बाद उनसे प्राप्त होने वाले आउटपूट एवं आउटकम की भी स्पष्ट रूप से प्रवधानित किया गया है।
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